शनिवार, 6 अगस्त 2016
बुधवार, 27 जुलाई 2016
गुरुपूर्णिमा २०१६ श्रीत्रिविक्रमपूजन व महापूजन
श्रीत्रिविक्रम |
समीरसिंह दत्तोपाध्ये (समीरादादा) श्रीत्रिविक्रमपूजन करते हुए |
श्रीत्रिविक्रम के चरण |
समिरदादा श्रद्धावानों के साथ श्रीत्रिविक्रमपूजन करते हुए। |
श्रद्धावान श्रीत्रिविक्रमपूजन करते हुए। |
समिरदादा श्रीत्रिविक्रम महापूजन करते हुए। |
श्रद्धावान श्रीत्रिविक्रम महापूजन करते हुए। |
श्रद्धावान महापूजन करते हुए। |
समीरसिंह दत्तोपाध्ये (समीरदादा) श्रीत्रिविक्रम पूजन का प्रशाद लेते हुए। |
मंगलवार, 26 जुलाई 2016
गुरुपूर्णिमा 2016 - श्रीनृसिंह सरस्वतीके पादुकाओ का पूजन
गुरुपौर्णिमा के अवसर पर नित्यगुरु नृसिंह सरस्वतींजी के पादुकाओ का पुजन किया जाता है। उसी पूजन के कुछ मनोहारी पल...
समीरसिंह दत्तोपाध्ये (समीरादादा) श्रीनृसिंह सरस्वतीके पादुकाओ पर जलाभिषेक करते हुए |
समीरादादा श्रीनृसिंह सरस्वतीके पादुकाओ का पूजन करते हुए |
समीरादादा श्रीनृसिंह सरस्वतीके पादुकाओ को पुष्प अर्पण करते हुए| |
श्रीनृसिंह सरस्वती के पादुका |
समीरादादा श्रीनृसिंह सरस्वतीके पादुकाओं की आरती करते हुए। |
शुक्रवार, 31 जुलाई 2015
बुधवार, 30 जुलाई 2014
सावन मास घोरकष्टोध्दरण स्तोत्र पठन
4:54 am
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सावन
मास मे इतवार दिनांक २७ जुलाई २०१४ से सुबह १०८ बार और शाम १०८ बार, इस तरह
घोरकष्टोध्दरण स्तोत्र पठन सोमवार दिनांक २५ अगस्त २०१४ तक हर दिन होगा ।
पठन का पता और समय :
पता: श्रीकृष्ण हॉल
जाधव मार्ग, ऑफ एस. एस. वाघ मार्ग,
चित्रा सिनेमा के सामने, गुरुव्दारा के नजीक,
नायगाव, दादर (पूर्व), मुंबई ४०० ०१४
पठन काल: इतवार २७ जुलाई २०१४ से सोमवार २५ अगस्त २०१४ तक
समय: सुबह ९.३० से दोपहर १.०० बजे तक
शाम ५.३० से रात ९.०० बजे तक
गुरुवार: सुबह ९.३० से दोपहर १.०० बजे तक
दोपहर ४.०० से शाम ७.०० बजे तक
घोरकष्टोध्दरण स्तोत्र पठन जारी रहेगा इसका कृपया सभी भक्त ध्यान रखें ।
घोरकष्टोध्दरणस्तोत्र (Ghorkastoddharan Stotra)
4:49 am
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हरि ॐ
घोरकष्टोध्दरणस्तोत्र
श्रीपाद श्रीवल्लभ त्वं सदैव श्रीदत्तास्मान्पाहि देवाधिदेव ।
भावग्राह्य क्लेशहारिन्सुकीर्ते घोरात्कष्टादुध्दरास्मान्नमस्ते ।।१।।
घोरकष्टोध्दरणस्तोत्र
श्रीपाद श्रीवल्लभ त्वं सदैव श्रीदत्तास्मान्पाहि देवाधिदेव ।
भावग्राह्य क्लेशहारिन्सुकीर्ते घोरात्कष्टादुध्दरास्मान्नमस्ते ।।१।।
त्वं नो माता त्वं पिताऽऽप्तोऽधिपस्त्वं त्राता योगक्षेमकृत्सदगुरुस्त्वम् ।
त्वं सर्वस्वं नो प्रभो विश्र्वमूर्ते घोरात्कष्टादुध्दरास्मान्नमस्ते ।।२।।
पापं तापं व्याधिंमाधिं च दैन्यं भीतिं क्लेशं त्वं हराऽशु त्वदन्यम् ।
त्रातारं नो वीक्ष ईशास्तजूर्ते घोरात्कष्टादुध्दरास्मान्नमस्ते ।।३।।
नान्यस्त्राता नापि दाता न भर्ता त्वत्तो देव त्वं शरण्योऽकहर्ता ।
कुर्वात्रेयानुग्रहं पूर्णराते घोरात्कष्टादुध्दरास्मान्नमस्ते ।।४।।
धर्मे प्रीतिं सन्मतिं देवभक्तिं सत्संगाप्तिं देहि भुक्तिं च मुक्तिम् ।
भावासक्तिं चाखिलाऽनन्दमूर्ते घोरात्कष्टादुध्दरास्मान्नमस्ते ।।५।।
श्लोकपंचकमेतदयो लोकमंगलवर्धनम् ।
य: पठेत् प्रयतो भक्त्या स श्रीदत्तप्रियो भवेत् ।।६।।
।। इति श्रीमत्परमहंसपरिव्राजकाचार्य
श्रीमदवासुदेवानन्दसरस्वतीस्वामीविरचितं
घोरकष्टोध्दरणस्तोत्रं संपूर्णम् ।।
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