अनिरुद्ध बापू साईराम जाप करते हुए

Anruddha Bapu himself doing pradakshina of bhaktistambha at sai ram jap event

श्रीनृसिंह सरस्वतीं के पूजन

Aniruddha Bapu doing Pujan of Nrusinha Saraswati Paduka Pujan

अनिरुद्ध बापू दर्शन लेते हुए

Aniruddha Bapu taking blessings of Shree Nrusinha Sarswati and Dattatray

साईराम जप

Sai Ram Jap, Shraddhavan taking istika on their head and doing pradakshina

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शुक्रवार, 11 जुलाई 2014

सद्‌गुरु दर्शन


सभी श्रद्धावान स्टेजपर रखी श्रीनृसिंह सरस्वतींके पादुकाओं के, श्रीगुरु दतात्रेय की मूर्ती का एव‍म्‌ सद्गुरु के दर्शन का लाभ ले सकतें हैं। कुछ चुने हुए श्रद्धावान 'द्रां दत्तात्रेयाय नम:' इस मंत्र का जाप करते हुए दिनभर श्रीगुरु दत्तात्रेय के तसवीर के चरणों पर तुलसीपत्रे अर्पण करते हैं।

सद्गुरु-श्री-अनिरुद्ध-बापू-के-दर्शन-aniruddha-bapu-darshan
सद्‌गुरु श्री अनिरुद्ध बापू के दर्शन
सद्गुरु-श्री-अनिरुद्ध-बापू-के-दर्शन-aniruddha-bapu-darshan-gurupurnima-utsav
सद्‌गुरु श्री अनिरुद्ध बापू के दर्शन लेते हुए

श्री साईराम जप

परमपूज्य बापू के नित्यगुरु की पादुका और श्री पूर्वावधूत-श्री अपूर्वावधूत कुंभ इनकी स्थापना भक्तिस्तंभ पर की जाती है। परमपूज्य बापू, नंदाई व सुचितदादा तीनोंही 'रामनामवही' से बनी हुई 'इष्टिका' सिर पर धारण कर 'श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए इस भक्तिस्तंभ की प्रदक्षिणा करतें हैं। तत्पश्चात सभी श्रद्धावान ये 'इष्टिका' सिर पर धारण कर श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए इस भक्तिस्तंभ की प्रदक्षिणा कर सकतें हैं।

श्रद्धावान-'इष्टिका'-shree-sairam-jap-उच्चारण-भक्तिस्तंभ-प्रदक्षिणा
श्रद्धावान 'इष्टिका' सिर पर धारण कर के ’श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए भक्तिस्तंभ की प्रदक्षिणा करते हुए।
Aniruddha-Bapu-Follower-श्रद्धावान-’श्रीसाईराम-जप'-का-उच्चारण
श्रद्धावान ’श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए
'इष्टिका'-सिर-पर-धारण-कर-के-भक्तिस्तंभ-की-समीरसिंह-दत्तोपाध्ये-sameerdada-प्रदक्षिणा-करते-हुए।
भक्तिस्तंभ की समीरसिंह दत्तोपाध्ये (समीरदादा) प्रदक्षिणा करते हुए।
Ramnaam-book-Gurupurnima-utsav-इष्टिका-2017-eco-friendly
‘रामनामवही’ से बनी हुई ‘इष्टिका’
श्रद्धावान-'श्रीसाईराम-जप'-sairam-jap--उच्चारण- भक्तिस्तंभ-प्रदक्षिणा-करते
श्रद्धावान 'श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए इस भक्तिस्तंभ की प्रदक्षिणा करते हुए।

श्रीनृसिंह सरस्वतीके पादुकाओ का पूजन


श्रीनृसिंह-सरस्वतीके-पादुका-Gurupurnima-utsav-aniruddha-bapu
श्रीनृसिंह सरस्वतीके पादुका

उत्सव के दिन साधारणत: ११.०० से ११.१५ के समय सद्‌गुरू बापू श्रीनृसिंह सरस्वती के पादुकाओं की पूजा करते हैं, इसके साथ ही पादुकाओं पर अभिषेक भी करते हैं। पूजन - अभिषेक के पश्चात सभी श्रद्धावान इन श्रीनृसिंह सरस्वतीं की पादुकाओं का दर्शन कर सकतें हैं। अभिषेक का जल तीर्थ के रूप में श्रद्धावानों का दिया जाता है। पूजनीय बापू, नंदाई और सुचितदादा इन पादुकाओंका पूजन करते है।

गुरुवार, 19 जून 2014

श्री गुरुचरणमास

  श्री गुरुचरणमास
- डॉ. योगिंद्रसिंह जोशी
 ।। हरि: ॐ ।।
ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा (वटपूर्णिमा) से आषाढ मास की पूर्णिमा (गुरुपूर्णिमा) तक की एक माह की अवधि को ‘श्री गुरुचरणमास’ कहा जाता है। ‘श्री गुरुचरणमास’ को बहुत ही पावन पर्व माना जाता है। यह जानकारी सद्गुरु श्रीअनिरुद्धसिंह (बापु) ने १६-०६-२०११ के प्रवचन में दी।

श्रीगुरुचरणों की महिमा भारत के सारे संतों ने बतायी है। सद्गुरु श्रीअनिरुद्धसिंह (बापु) ने प्रवचन में सन्तश्रेष्ठ श्रीतुलसीदासजी  द्वारा विरचित हनुमानचलीसा स्तोत्र के प्रारंभिक दोहे का संदर्भ देते हुए गुरुचरणमहिमा के बारे में बताया।

‘श्रीगुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि...........' इस दोहे में सन्तश्रेष्ठ श्रीतुलसीदासजी कह रहे हैं कि सद्गुरु के चरणकमलों की धूल से  (सरोज = कमल) (रज = धूल) मैं अपने मनरूपी दर्पण (मन मुकुरु) को स्वच्छ, शुद्ध एवं पवित्र करके रघुवर श्रीरामचन्द्रजी के विमल यश का वर्णन करता हूँ। श्रीराम के यश का वर्णन करने से चतुर्विध पुरुषार्थ (धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष) की प्राप्ति होती है। अपने देह को बुद्धिहीन जानते हुए मैं पवनकुमार महाप्राण श्रीहनुमानजी का सुमिरन करता हूँ। हे रामदूत आंजनेय बजरंगबली हनुमानजी, कृपा करके मुझे बल, बुद्धि और विद्या प्रदान कीजिए और मेरे क्लेश एवं विकारों को समूल नष्ट कर दीजिए।


बापु ने इस दोहे का संदर्भ देते हुए कहा कि धूल यदि किसी वस्तु पर पड जाती है, तो वह उसे मटमैला, गन्दा, खराब कर देती है। केवल सद्गुरु के चरणकमलों की धूल ही ऐसी है, जिससे मेरा मनरूपी दर्पण स्वच्छ, शुद्ध एवं पवित्र हो जाता है, निखर जाता है। यही है सद्गुरु का अद्भुत, अचिन्त्य सामर्थ्य, जिसके बारे में सन्तश्रेष्ठ श्रीतुलसीदासजी बता रहे हैं। सन्तश्रेष्ठ श्रीतुलसीदासजी ने यह बहुत ही महत्त्वपूर्ण रहस्य हमें इस दोहे में बताया है।


मंगलवार, 17 जून 2014

श्री गुरुपौर्णिमा उत्सव (हिंदी)




गुरुपौर्णिमा उत्सव कुछ पल आप यहाँ पर देख सकते है।