परमपूज्य बापू के नित्यगुरु की पादुका और श्री पूर्वावधूत-श्री अपूर्वावधूत कुंभ इनकी स्थापना भक्तिस्तंभ पर की जाती है। परमपूज्य बापू, नंदाई व सुचितदादा तीनोंही 'रामनामवही' से बनी हुई 'इष्टिका' सिर पर धारण कर 'श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए इस भक्तिस्तंभ की प्रदक्षिणा करतें हैं। तत्पश्चात सभी श्रद्धावान ये 'इष्टिका' सिर पर धारण कर श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए इस भक्तिस्तंभ की प्रदक्षिणा कर सकतें हैं।
श्रद्धावान 'इष्टिका' सिर पर धारण कर के ’श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए भक्तिस्तंभ की प्रदक्षिणा करते हुए। |
श्रद्धावान ’श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए |
भक्तिस्तंभ की समीरसिंह दत्तोपाध्ये (समीरदादा) प्रदक्षिणा करते हुए। |
‘रामनामवही’ से बनी हुई ‘इष्टिका’ |
श्रद्धावान 'श्रीसाईराम जप' का उच्चारण करते हुए इस भक्तिस्तंभ की प्रदक्षिणा करते हुए। |
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