शुक्रवार, 11 जुलाई 2014

गुरुदक्षिणा


गुरुपूर्णिमा-उत्सव-Gurupurnima-utsav-2017
गुरुपूर्णिमा उत्सव
गुरुपूर्णिमा ये सद्गुरु ऋणों का स्मरण कर सद्गुरुचरणों में कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन! गुरुपूर्णिमा पर्व पर सद्गुरुको गुरुदक्षिणा देने की रीति है। पर सद्गुरु श्रीअनिरुद्ध तो किसीसे कभी भी किसी भी स्वरूप में कुछ भी स्वीकार नही करतें हैं। गुरुपूर्णिमा पर भी वे फूल की पंखुडी तक भी स्वीकारते नहीं हैं।


सद्गुरु बापू कहते हें - "मुझे अगर कुछ देना ही है तो  मुझे अपने  पाप दो, मेरे मित्र पापमुक्त होकर देवयानपंथ पर समर्थता से चलते हुए मैं देखना चाहता हूँ। रामरक्षा, हनुमानचलिसा इन जैसे पवित्र स्तोत्रों का पारायण माँ चण्डिका आदिमाता के चरणों में अर्पण करो और प्रत्येक श्रद्धावान के लिए निरंतर, निरतिशय प्रेम की स्त्रोत रहने वाली आदिमाता निश्चिततः उसका कोटीगुण फल प्रदान करेंगी।"


0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें